Tuesday, 22 November 2016

शायरना अंदाज़

 उसूलों पे जहाँ आँच  आये  टकराना जरुरी है !
    जो जिन्दा हों  तो फिर जिन्दा नज़र आना ज़रूरी है !!

२  खुली छतो के दिए कब के बुझ  गए होते !
    कोई तो है जो हवाओं के पैर  कतरता है !!

 मुझे गम है तो बस इतना ही गम है !
   की तेरी  दुनिया मेरे ख्वाबो से कम  है !!



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