Tuesday, 22 November 2016

मैं

१      हज़ार काँटों से दामन छुड़ा लिया मैने !
       अना(अंहकार ) को मार के सब कुछ बचा लिया मैंने !! 

२     जले तो हाथ मगर  हा  हवा के हमलों  से !
      किसी चिराग की लौ  को बचा लिया मैंने !!

३    सभी को छोड़ के  खुद पर भरोसा कर लिया मैंने !
      वो मैं जो मुझमे मरने  को था जिन्दा कर लिया  मैंने !!

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